📚 Table of Contents: Reliance Infra
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प्रस्तावना
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कर्ज भुगतान का विवरण
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कंपनी की आधिकारिक घोषणा
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पूर्व समझौता और उसकी समाप्ति
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बॉम्बे हाईकोर्ट का हालिया निर्देश
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निष्कर्ष
📝 रिलायंस इंफ्रा की सब्सिडियरी JRTR ने यस बैंक का ₹273 करोड़ कर्ज चुकाया: Reliance Infra
1. प्रस्तावना
अनिल अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (R-Infra) की सब्सिडियरी JR टोल रोड प्राइवेट लिमिटेड (JRTR) ने यस बैंक से लिए गए ₹273 करोड़ (ब्याज सहित) के कर्ज का पूरा भुगतान कर दिया है।
2. कर्ज भुगतान का विवरण: Reliance Infra
JRTR ने यस बैंक लिमिटेड के साथ एक नया सेटलमेंट एग्रीमेंट (Settlement Agreement) किया, जिसके तहत पूरी बकाया राशि चुका दी गई। यह कर्ज रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की ओर से कॉर्पोरेट गारंटी के साथ लिया गया था।
3. कंपनी की आधिकारिक घोषणा : Reliance Infra
रिलायंस इंफ्रा ने स्टॉक एक्सचेंज को बताया:
“JRTR ने यस बैंक के साथ समझौता करते हुए ₹273 करोड़ की पूरी देनदारी चुका दी है। इससे रिलायंस इंफ्रा की गारंटीदार के रूप में जिम्मेदारी भी समाप्त हो गई है।”
4. पूर्व समझौता और उसकी समाप्ति: Reliance Infra
नवंबर 2024 में, JRTR ने ₹271.18 करोड़ का कर्ज सेटल करने का प्रयास किया था, लेकिन अप्रैल 2025 में भुगतान में देरी के कारण वह समझौता रद्द हो गया। इसके बाद JRTR और यस बैंक के बीच नए सिरे से बातचीत शुरू हुई।
5. बॉम्बे हाईकोर्ट का हालिया निर्देश: Reliance Infra
इसी महीने, बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई मेट्रो वन प्राइवेट लिमिटेड (MMOPL) को मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MMRDA) द्वारा ₹1,169 करोड़ का आर्बिट्रेशन अवार्ड भुगतान करने का निर्देश दिया। यह कंपनी भी R-Infra की एक सब्सिडियरी है।
6. निष्कर्ष: Reliance Infra
रिलायंस इंफ्रा की यह सफलता वित्तीय जवाबदेही और क्रेडिट रिकॉर्ड के लिए सकारात्मक संकेत है। कंपनी द्वारा किया गया यह भुगतान न केवल आर्थिक मजबूती दिखाता है, बल्कि अन्य सब्सिडियरीज के लिए भी उदाहरण है।
❓FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न): Reliance Infra
Q1. JRTR क्या है?
JRTR यानी JR Toll Road Private Limited, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है।
Q2. किस बैंक का कर्ज चुकाया गया है?
JRTR ने यस बैंक से लिया गया ₹273 करोड़ का कर्ज चुकाया है।
Q3. पहले किया गया समझौता क्यों रद्द हुआ?
अप्रैल 2025 में भुगतान में देरी के कारण नवंबर 2024 का समझौता रद्द कर दिया गया था।
Q4. MMOPL को लेकर हाईकोर्ट ने क्या निर्देश दिए हैं?
बॉम्बे हाईकोर्ट ने MMRDA को MMOPL को ₹1,169 करोड़ की आर्बिट्रेशन राशि देने का निर्देश दिया है।
Q5. क्या इससे रिलायंस इंफ्रा की वित्तीय स्थिति बेहतर होगी?
हां, इससे कंपनी की क्रेडिट प्रोफाइल में सुधार होगा और निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा।
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